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गुरुजी : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला कहानी) बहुत दिन पहले की बात है। लालू और मैं छोटे-छोटे थे। हमारी उम्र होगी करीब 10-11 साल। हम अपने गांव की पाठशाला में साथ-साथ पढ़ते ...